किसान और उसके तीन बेटे

किसान और उसके तीन बेटे

किसान और उसके तीन बेटे

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एक बार एक किसान अपने तीन बेटों के साथ एक छोटे से गाँव में रहता था। किसान बहुत मेहनती और समझदार था, लेकिन उसके बेटे आपस में हमेशा लड़ते रहते थे। वे एक-दूसरे से जलते थे और कभी भी एकजुट होकर काम नहीं करते थे। किसान हमेशा उन्हें समझाता, "यदि तुम सब मिलकर काम करोगे, तो तुम मजबूत हो जाओगे और किसी भी कठिनाई का सामना कर सकोगे।"

एक दिन किसान ने सोचा कि उसे अपने बेटों को एक सबक सिखाना चाहिए। उसने एक दिन तीनों बेटों को बुलाया और उन्हें एक बंडल दिया, जिसमें तीन ताजा गेंहू के तिनके थे। उसने कहा, "इन तिनकों को तोड़ो।"

बेटों ने अपने-अपने बल का उपयोग करके तिनकों को तोड़ना शुरू किया, लेकिन कोई भी तिनका नहीं तोड़ पाया। किसान ने फिर कहा, "अब इन तिनकों को एक साथ बाँधकर फिर से तोड़ने की कोशिश करो।" इस बार बेटों ने एकजुट होकर तिनकों को पकड़कर तोड़ने का प्रयास किया और इस बार वे सफल हो गए।

किसान ने मुस्कुराते हुए कहा, "देखो, जब तुम सब मिलकर काम करते हो, तो तुम किसी भी कठिनाई को पार कर सकते हो। लेकिन जब तुम अलग होते हो, तो तुम कमजोर हो जाते हो।"

बेटों ने अपनी गलती को समझा और उन्होंने वादा किया कि वे हमेशा एकजुट होकर काम करेंगे। उस दिन से, वे एकजुट होकर काम करने लगे और उनके परिवार की स्थिति भी बेहतर होने लगी।

सीख:
यह कहानी हमें सिखाती है कि एकता में बल है। जब हम मिलकर काम करते हैं, तो हम किसी भी कठिनाई का सामना कर सकते हैं। हमें अपने मतभेदों को भुलाकर एकजुट होकर काम करना चाहिए।

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