सांप और चूहा

सांप और चूहा

सांप और चूहा

Blog Article

एक बार एक घने जंगल में एक चूहा अपने बिल में रहता था। वह चूहा बहुत चतुर और समझदार था। जंगल में कई जानवर थे, लेकिन एक सांप हमेशा चूहे के बिल के पास आकर उसे डराता था। सांप की आंखों में चतुराई थी और वह अक्सर चूहे को अपने खाने की तरह देखने लगता।

चूहा जानता था कि अगर वह सांप के पास गया, तो उसकी जान खतरे में पड़ जाएगी। एक दिन, सांप ने सोचा कि चूहा उसके लिए एक आसान शिकार होगा। उसने एक योजना बनाई। वह चूहे से बोला, "ओ चूहा, तुम बहुत समझदार हो। अगर तुम मेरी मदद करोगे, तो मैं तुम्हें एक बड़ा इनाम दूंगा।"

चूहा सावधान हो गया और उसने पूछा, "तुम्हारी मदद करने के लिए मुझे क्या करना होगा?" सांप ने कहा, "मैं चाहता हूँ कि तुम मेरे लिए जंगल से कुछ फल लाओ। अगर तुम ऐसा करोगे, तो मैं तुम्हें एक सोने की अंगूठी दूंगा।"

चूहा समझ गया कि सांप उसे फंसाने की कोशिश कर रहा है। उसने तुरंत कहा, "मैं तुम्हारी मदद नहीं कर सकता, क्योंकि तुम हमेशा मुझे डराते हो। मैं तुम्हें फलों की जगह कुछ और देने में मदद कर सकता हूँ।"

सांप चौंका और बोला, "तुम मुझे धोखा दे रहे हो?" चूहा हंसते हुए बोला, "नहीं, मैं तुम्हें धोखा नहीं दे रहा, लेकिन मैं तुमसे दोस्ती नहीं कर सकता। तुम हमेशा मेरे पीछे रहते हो और मुझे डराते हो।"

सांप गुस्से में आ गया और बोला, "ठीक है, तुमने मेरा समय बर्बाद किया है। मैं तुम्हें छोड़ दूंगा, लेकिन याद रखना, मैं हमेशा तुम्हारे पास रहूँगा।"

चूहा चतुर था और उसने अपने बिल में जाकर दरवाजा बंद कर लिया। वह जानता था कि जब भी सांप आएगा, वह अपने बिल के भीतर सुरक्षित रहेगा।

सीख:
यह कहानी हमें सिखाती है कि बुद्धिमानी और सतर्कता से हम कठिनाईयों से बच सकते हैं। कभी-कभी हमें अपनी रक्षा के लिए समझदारी से काम लेना पड़ता है और जो लोग हमें नुकसान पहुँचाना चाहते हैं, उनसे दूरी बनानी पड़ती है।

Report this page